आँखों ही आँखों में ऐसी बात हो गयी ना तूने जाना ना मैंने समझा और हमारी एक नयी शुरुआत हो गयी आँखों ही आँखों में ऐसी बात हो गयी ना तूने जाना ना मैंने समझा और हमारी एक नयी शु...
शब्दों का मेल है शब्दों का खेल है, एक से एक मिल जाए शब्द का बेजोड़ है। कभी सफेद ब शब्दों का मेल है शब्दों का खेल है, एक से एक मिल जाए शब्द का बेजोड़ है। ...
जो मैं देखती-सुनती और समझती हूँ, आपके दिल की धड़कनों से उसे ही आपके कर कमलों से निकाल कर एक रचना के... जो मैं देखती-सुनती और समझती हूँ, आपके दिल की धड़कनों से उसे ही आपके कर कमलों से...
क्यों खुद को समझे है कमज़ोर, कम नहीं किसी से भी तू, उठ, हो खड़ी खुद को पहचान तू। क्यों खुद को समझे है कमज़ोर, कम नहीं किसी से भी तू, उठ, हो खड़ी खुद को पहचान तू।
'फिर सीने में भारत माँ के, ये एसे सो जाते हैं, होश न रहता इन्हें, फिर माँ की गोद का।' देश को सैनिक ... 'फिर सीने में भारत माँ के, ये एसे सो जाते हैं, होश न रहता इन्हें, फिर माँ की गो...
अब तो नींदों में भी तुम आने लगी हो, इसलिए हम अपनी निंदो को भी खोए जा रहे हैं। अब तो नींदों में भी तुम आने लगी हो, इसलिए हम अपनी निंदो को भी खोए जा रहे हैं।